Add To collaction

आई फ्लू 4

"अरे जीजी नहीं आई तो क्या हुआ"? जीजा जी तो आए हैं"! धर्मेंद्र ने शान से कहा

"तेरे जैसे लंगूर को जीजा कहने से पहले जहर खा कर मर जाऊंगा"! असिस्टेंट ने कहा

"बेटा बहुत ज्यादा बोल रहा है तू, फोन लगाउ, माया को अभी नौकरी से निकाल देगी तुझे, इन मरीजों को क्या हुआ है"? धर्मेंद्र ने पूछा

"इन सब को आई फ्लू हुआ है"? असिस्टेंट ने बताया

"ठीक है, क्लीनिक का ताला खोलो, आज इन सभी मरीजों का इलाज, डॉक्टर धर्मेंद्र बिलोटिया जी करेंगे, मेरे पास में ऐसी दवाई है, जो एक बूंद में, आई फ्लू का काम तमाम कर देगी, इसलिए एक-एक अंदर भेजो"!

"शक्ल से तो तुम डॉक्टर नहीं कोई मक्कार लगते हो"! असिस्टेंट ने कहा

"साले, जरूरत से ज्यादा बोल गया तू, अब तेरी नौकरी गई, रुक अभी माया को फोन लगाता हूं"! धर्मेंद्र  ने धमकी देते हुए कहा

"अरे क्या यार, जीजा जी, इतनी सी बात का बुरा मान गये, जीजा - साले मैं थोड़ी नोकझोंक तो चलती है"! असिस्टेंट ने कहा

"दिल जीत लिया, जा तुझे माफ किया, अब क्लीनिक खोल और मरीजों को अंदर आने का बोल"!धर्मेंद्र ने कहा

फिर धर्मेंद्र अपना बाक्स उठाकर क्लीनिक के अंदर बैठ जाता है और उसके पास पहला मरीज आता है -"क्या हुआ है, तुम्हें"? धर्मेंद्र ने पूछा

"डॉक्टर साहब, जब भी किसी लड़की को देखता हूं तो आप अपने आप मर जाती हैं, मतलब मेरी आंखें पर मेरा कंट्रोल नहीं है"! मरीज ने कहा

"असिस्टेंट, इसे इस बॉक्स में से निकाल कर एक आई ड्रॉप दे दो"!

असिस्टेंट बॉक्स से ड्रॉप निकालकर उसे देखता है और कहता है -" ए मक्कार, डॉक्टर इस दवा पर ना तो कोई फार्मूला लिखा है और ना एक्सपायरी डेट लिखी हुई है, तुझे 20 साल की जेल हो जाएगी"!

"डॉक्टर तू है या मैं हूं, नालायक, यह दवाई, मैंने आज ही बनाई है, एकदम शुद्ध और ताजी है, इस पर चिपकाने की पर्ची प्रिंट हो रही है, शाम तक आ जाएगी, अब तुने, मेरे इलाज की बुराई की तो तेरी सारी तनख्वाह काट लूंगा"! धर्मेंद्र ने धमकी देते हुए कहा

"डॉक्टर साहब, इस दवाई से आंखों को कोई नुकसान तो नहीं होगा"!  मरीज ने पूछा

"अरे, एक बूंद में, काम तमाम, मेरा मतलब बीमारी का और अगर तुम्हारी एक आंख कुछ हुआ तो मैं, तुम्हें अपनी दोनों  आंखें दे दूंगा और दोनों आंखें खराब हो गई तो मैं तुम्हें चार आंखें दूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"पर आपकी तो दो ही आंखें हैं, डॉक्टर साहब"! मरीज ने पूछा

"दो मेरी और दो मेरे असिस्टेंट की, हो गई चार, चल एक हजार निकाल और यहां से निकल"! धर्मेंद्र ने कहा

इस तरह धर्मेंद्र सभी को वह दवाई बेच देता है और फिर पैसे गिनता है और असिस्टेंट को बताता है "₹65000 का धंधा हो गया है आज, तुम्हारी दीदी कितना रोज कमाती है"?

"अरे जीजा जी, इतने पैसे तो दीदी पूरे महीने में भी नहीं कमा पाती है, आप ही रोज आकर बैठो और क्लीनिक संभालो"!

"ठीक है, कल से मैं ही संभाल लूंगा, यह क्लीनिक, अब मैं तुम्हारी दीदी से मिलने जा रहा हूं, क्लीनिक की सफाई कर, ताला लगा देना"! धर्मेंद्र ने कहा

"मेरी तनख्वाह भी दे, दीजिए, जीजाजी"! असिस्टेंट ने कहा

"पहले ही दिन, भीखमंगी शुरू कर दी, अभी 29 दिन और बाकी है, टेंशन मत ले सो ₹200 बढ़ाकर ही दूंगा, अब मैं, तेरी दीदी के हाल चाल पूछने उसके घर जा रहा हूं"!

फिर धर्मेंद्र सीधा माया के घर, उसके कमरे में चला जाता है जहां माया चश्मा पहने उदास बैठी है

"अरे, जान उदास क्यों बैठी हो"?

"तुम डायरेक्ट ही अंदर घुस आए, तुम्हें, मेरे, मम्मी पापा, भाई ने देखा तो नहीं, अगर देख लेंगे तो मेरी जान ले लेंगे और तुम्हारी आंखें इतनी जल्दी ठीक कैसे हो गई"? माया ने पूछा

"मेरा एक दोस्त है, उसने एक ऐसी दवाई बनाई हैं कि आंखों में एक बूंद डालते ही, आई फ्लू खत्म, जिंबाब्वे में पढ़ाई करके आया है वह,"!धर्मेंद्र ने गर्व से कहा

"जिंबाब्वे तो मेडिकल साइंस में बहुत पिछड़ा हुआ देश है"? माया ने बताया

"यही बात उसके देश के बारे में किसी ने कह दी फिर उसने इतनी पढ़ाई की, इतनी पढ़ाई की और यह दवा बनाई"! धर्मेंद्र ने दवाई देते हुए कहा

"मुझे भी आई फ्लू हुआ है और तुम्हारे ही कारण हुआ है, अगर कल तुम, मुझसे बिना चश्मे पहने नहीं मिलते तो मुझे कुछ नहीं होता और मेरे कारण, सभी घरवालों को भी आई फ्लू हो गया है"! माया ने बताया

"अरे मेरे कारण हुआ है तो मैं सबको ठीक कर देता हूं, तुम भी लगाओ और अपने सभी घर वालों को भी लगाओ, दो बुंद आंखों की, जिंदगी की"! धर्मेंद्र ने गर्व से कहा

"पर इस दवाई पर कोई फार्मूला नहीं लिखा है,"!माया ने पूछा

"इस पर चिपकाने का कवर अभी प्रिंट हो रहा है, शाम तक आ जाएगा और यह लो 65000 मैंने आज कमाए हैं, बाकी के कल दे दूंगा, स्कूटी ले लेना"! धर्मेंद्र ने कहा

"मैं तुम्हें कितना गलत समझती थी और तुम कितने अच्छे हो, जी कर रहा है, तुम्हें बच्चे की तरह उठा कर किस कर लूं पर मैं इनफेक्टेड हूं, तुम्हें भी इंफेक्शन हो जाएगा"! माया ने प्यार से कहा

"अरे कोई बात नहीं, यह सब करने के लिए तो आखी जिंदगी पड़ी है, बाद में कर लेंगे, पहले तुम, अपनी और अपने घर वालों की आंखें ठीक करो और उनको बताना, यह दवाई उनके होने वाले जमाई  धर्मेंद्र बिलोटिया ने दी है, अब चलता हूं, बहुत सारे काम बाकी है"!

फिर धर्मेंद्र अपने घर आता है और देखता है उसके दोनों दोस्त राजू और काजू आंख पर पानी की पट्टी लगाए सोए हुए हैं

'तुम दोनों को क्या हुआ"? "तुम क्यों पट्टी लगाकर सोए हो"? धर्मेंद्र ने पूछा

"आई फ्लू हो गया यार, हम दोनों को, चैन नहीं मिल रहा है"! राजू ने कहा

"कल मुझे तो बहुत अक्ल बांट रहे थे, ऐसा मत कर, वैसा मत कर  मेरी कबर खोद रहे थे खुद की खुद गई"! धर्मेंद्र ने कहा

"अरे मेरे बाप, माफ कर दे और यह बता, तूने कल रात को कौन सी दवाई लगाई थी, जिससे तेरी आंखें एक रात में ठीक हो गई, हमें भी बता दे, हम तेरा एहसान जिंदगी भर मानेंगे"! काजू ने कहा

"बता तो दूंगा पर एक शर्त है, घर का और मेरा सारा काम तुम दोनों को करना पड़ेगा और मेरी हर बात माननी पड़ेगी"! धर्मेंद्र ने कहा

"ठीक है, तू जो बोलेगा ,वह करेंगे"? राजू ने सहमति जताई

"तो ठीक है, दोनों अपनी आंखों से पट्टी हटाओ"!

फिर धर्मेंद्र दोनों की आंखों में वह दवाई डालकर कहता है -"अब सुबह तक आंख मत खोलना, यह दवाई बहुत जबरदस्त है, सुबह तुम्हारी आंखों का काम तमाम कर देगी, मेरा मतलब आंखों की बीमारी का काम तमाम"!

"गुड नाइट, धर्मेंद्र भाई"! राजू ने कहा

"गुड नाइट"!

धर्मेंद्र भी यह कह कर सो जाता है सुबह के 7:00 हैं धर्मेंद्र क्लिनिक जाने के लिए तैयार हो गया है अभी राजू सोए हुए कहता है -"धर्मेंद्र भाई, आंखें खोल ले "!

"अभी 7:00 बजे हैं ठीक 8:00 बजे, आंखें खोलना, दवाई अभी अपना काम कर रही है"?

"धर्मेंद्र भाई इतनी जल्दी तैयार होकर कहां जा रहे हो"? काजू ने सोए हुए पूछा

"अरे वह तुम्हारी डॉक्टर भाभी है ना, अब उसका क्लीनिक में ही संभाल रहा हूं, कल मैंने कल इसी दवाई से 65000 का धंधा किया था, देखना एक-दो दिन में पूरे इंदौर में फेमस हो जाऊंगा और दो-चार दिन में पूरे देश में ओर दो-तीन हफ्तों में पूरी दुनिया में, सीमा हैदर से भी डबल तिबल फेमस होना है मुझे और फिर सारी दुनिया मुझे एक ही नाम से पहचानेगी, डॉ धर्मेंद्र बिलोटिया"!

"कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ रहा है, बेटा ऐसा गिरेगा कि फिर कभी उठ नहीं पाएगा"! राजू ने कहा

"आ गया अपनी असली औकात पर, तू कुत्ते की पूंछ हमेशा तेड़ा के तेड़ा ही रहेगा, अब मेरे पास फालतू बात करने के लिए टाइम नहीं है, मेरे पेशेंट, मेरा इंतजार कर रहे हैं"! धर्मेंद्र ने बॉक्स उठाकर जाते हुए कहा

फिर धर्मेंद्र डॉक्टर की वेशभूषा पहनकर क्लीनिक पहुंचता है तो वहां डबल पब्लिक देखकर आश्चर्य में पड़ जाता है और सोचता है "आज अपनी फीस डबल कर देता हूं, अभी आई फ्लू का ट्रेेण् चल रहा है तो यह मेरे पास आ रहे हैं, जब आई फ्लू खत्म हो जाएगा तो यह मेरी तरफ देखेंगे भी नहीं"!

   0
0 Comments